Wednesday, January 10, 2018

प्रेम : दुनिया की सबसे खूबसूरत अनुभूति

   


     मैं हर रोज शाम को अपने घर की छत से नीले गगन में चाँद और तारों को उदित होते हुए देखती। तारों को एक एक कर निकलता हुआ देखने में मुझे अनूठा रस प्राप्त होता। चाँद तारों के उगने का ये ह्रदयग्राही दृश्य इतना रमणीक होता कि ये मुझमे नवीन भावों का संचार करता, जिसे देखकर मुझे केवल सबसे अच्छी और मेरे ह्रदय के सबसे निकट चीज़ों की याद आती। मेरा मन हर रोज़ शाम होने का तथा चाँद सितारे उगने के रमणीक दृश्य को देखने के लिए बेचैनी के साथ इंतज़ार करता। क्योकि चाँद और तारों से सजा हुआ आकाश मुझे मानसिक शांति देता। ये क्षणिक मानसिक शांति मुझे अपने ह्रदय के दुःख और मन को खट्टा करने वाली  सभी बातों को कुछ देर तक भूलने में मदद करती। कभी कभी जब आकाश बादलों से घिरा होता तो मेरा मन उदास हो जाता  क्योकि ये बादलों की अटल गहराइयाँ चाँद तारों को निगल जाती। 

      चाँद उगने के बाद धीरे धीरे आकाश में ऊपर चढ़ता जाता,और उसकी चांदनी तीव्र होती जाती। चाँद की स्थिर और शांत रोशनी मेरी आत्मा को सरोबार कर देती। चाँद तारों को आकाश में उदित होते देखकर मेरा हृदय उल्लास से भर जाता और मुझे लगता कि चांदनी खिली रात बाहें पसारे मेरी और बढ़ रही है और मुझे अपने आगोश में ले लेगी। आकाश में तैरता हुआ चाँद मुझे लगता की तारों की बारात लेकर कहीं जा रहा है। जिस समय प्रकृति का ये अद्भुत सौंदर्य मेरी आँखों के सामने हिलोरे ले रहा था, तभी मेरी ज़िन्दगी में सुहानी बयार का एक ऐसा झोंका आया जिसने मेरे ह्रदय के तारों को झनझना दिया। मैंने एक ऐसे सख्श का संपर्क प्राप्त किया जो मेरे वीरान जीवन में बहार बनकर आया। मुझे मालूम ही नहीं चला कि कब उसने मेरे स्थिर जीवन को गतिमान, सजग, स्पन्दनशील और जिंदादिली से भरपूर बना दिया। धीरे धीरे वो न केवल मेरा प्रिय मित्र बन गया बल्कि उससे बात करना मेरी रोजमर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गया।  

   अब मैं लगभग रोजाना ही शाम को अपने घर की छत पर चाँद तारों के उदित होने के अनूठे सौंदर्य को देखते हुए उससे फ़ोन पर बातें करती। उसकी बातें जीवन की गहराई से भरपूर होतीं  जिनसे मेरा रोम रोम ख़ुशी से नाच उठता। उससे बातें करके मुझे अद्भुत हार्दिकता का अनुभव होता और मुझमे मधुर भावों का संचार होता। उससे रोजाना बातें करते करते धीरे धीरे मैं अनभुझ अनुभूति से ओतप्रोत हो नए नए सपनों का ताना बाना बुनने लगी जिन्हे मैं अपने ह्रदय के श्रेष्ठतम तत्वों और सुन्दर कल्पनाओ से सजाने लगी।  मौन अनुराग की भावना मेरे हृदय में उमड़ने घुमड़ने लगी और बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगी। अब मुझे शाम होने और चाँद के उदित होने का और भी बेसब्री से इंतज़ार रहता और जैसे ही शाम होती और चाँद उदित होता मेरा मन उससे बात करने के लिए छटपटाने लगता। 

  उससे संपर्क के बाद धीरे धीरे मेरे पिछले जीवन की दुखदायी बातें अद्भुत ढंग से गायब हो गयीं और मुझे एक सर्वथा भिन्न प्रकार के जीवन की ताज़गी का अनुभव होने लगा। ऐसा मालूम होता कि मैं एक नए प्रकार के जीवन जो अधिक निर्मल,अधिक विचारशील, प्रेम तथा संवेदना से पूर्ण है, में सांसे ले रही हूँ। मुझे जीवन अधिकाधिक मूल्यवान नज़र आने लगा। मधुर भावों ने धीरे धीरे हृदय को कचोटने वाले पहलू ज़िन्दगी से गायब कर दिए। हर चीज़ आश्चर्यजनक ढंग से बदल गयी। अपने ह्रदय में मुझे एक नए निखार का अनुभव होने लगा और मेरा मन होने लगा कि ये समय कभी विदा न हो। 

   मुझे पता ही नहीं चला कि चाँद तारे देखते देखते कब मैं प्रेम के दृढ नाते से उसके साथ बांध गयी। उसे पाकर मुझे लगा कि मेरे सामने नयी उषा का उदय हुआ है। दुनिया मुझे बेहद खूबसूरत नज़र आने लगी। मेरे अंदर गहरी उमंगें उठने लगी जिनमे प्रेम की अदम्य आकांक्षा हिलोरे लेने लगी। मुझे लगा कि जीवन की सबसे सुन्दर और अर्थपूर्ण देन अगर कोई है तो वह है प्रेम। दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे यह न कर सके। प्रेम से ज्यादा खूबसूरत घटना शायद संसार में कोई दूसरी हो। किन्ही भी दो ह्रदयों के बीच पनपने वाला यह अहसास इतना खूबसूरत होता है कि इसमें सारी दुनिया को खूबसूरत बनाने की ताकत होती है। लेकिन इसकी सुंदरता तभी है जब इसमें नैतिकता हो,पशु वृति ना हो। इससे ज्यादा सुंदर मानवीय भावना कोई भी नहीं है। मेरे जीवन का तो इस मधुर मानवीय भावना ने एकदम कायाकल्प कर दिया है.