Monday, June 11, 2018

सबसे सुन्दर




अँधेरी रात में पेड़ो पर जुगनुओ का चमकना
या आसमान में सितारों का टिमटिमाना
भौर में चिड़ियों का चहचहाना
या शाम को झुण्ड बनाकर अपने घरो को उड़ जाना
यह दृश्य बहुत सुन्दर तो है
पर सबसे सुन्दर नहीं

उगते हुए सूरज की  लालिमा
या शाम को  छिटकी पीताम्बरी छठा
भौर में ओस से सर नवाये  दूब के पत्ते
या बारिश की  बूंदो से पत्तो का झुक जाना
 ये दृश्य बहुत सुन्दर तो है
पर सबसे सुन्दर नहीं

सबसे सुन्दर है वह मुस्कान
जो गहरी उदासी के बाद मिलती  है
आशा की वह सुनहरी किरण
जो घने बदलो को बेधकर निकलती है

वह कोमल कपोल पत्ता
जो टूटी टहनी के स्थान पर उगता है
वह हरी  भरी शाखा
जो कटे पेड़ कि ठूठ से उगती है


सबसे सुन्दर है प्रेम का वह अंकुर 
जो बंजर हुए दिल में उगता है 
वह भूली तमन्ना,वह बिसरी आरजू
जो बुझे दिल से फिर उठने लगती है

सबसे सुन्दर है वह रिश्ता
जो हर परिस्थिति में जीने की ताकत देता है
जो कोमल दिल को फिर दिलासा देता है 
जो संगीत विहीन मन में फिर संगीत रचा देता है 
सबसे सुन्दर होता है वह मुरझा गया चेहरा 
जो कोमल अहसास पाकर फिर खिल उठता है

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