Wednesday, December 6, 2017

मेरा जीवन रागिनी बन जाये


अँधियारा जिससे भाग जाये 

जीवन उजियारा हो जाये 

ऐसा दे दो राग मुझे तुम 

मेरा जीवन रागिनी हो जाये 


हो गया था समुद्र नाराज़ जिस नाव से 

पा गयी प्यार वह आज एक मझधार से 

बुझ गया था जो दिया भोर में ही दीन सा 

तुमने आकर उसे आज फिर से जला दिया 


अब चाहे कितनी भी आंधी आये 

कितना भी समुद्र हो जाये नाराज़ 

लेकर चलो तुम मुझे वहां 

जहाँ कभी न फिर अँधियारा छाए 

ऐसा दे दो राग मुझे तुम 

मेरा जीवन रागिनी हो जाये 


छूटा हुआ छोर मेरी जिंदगी का अब तुम पकड़ा दो 

रुके हुए जीवन का मेरे तुम संगीत बजा दो 

हाथ थामकर मेरा तुम ले चलो वहां 

मानव का मानव से रिश्ता गहरा हो जहाँ 


चन्दन हर मिट्टी हो जाये 

चन्दन हर बगिया बन जाये 

ऐसा दे दो राग मुझे तुम 

मेरा जीवन रागिनी बन जाए 


जबसे आँगन में मेरे प्यार तुम्हारा उतरा है 

मेरे बाग़ की हर कली का रुख निखार गया है 

जबसे तुमको पाया है जीवन नया मुझे मिला है 

मानो उजड़ा हुआ बाग़ फिर से खिला है 


तुम ऐसा बरसा दो रंग मुझ पर 

जिसमे जन्म जन्म तक मन भीगा जाये 

ऐसे सजा दो सुर मुझमे तुम 

की ख्वाब मेरे हकीकत बन जाएँ 

ऐसा दे दो राग मुझे तुम 

कि मेरा जीवन रागिनी बन जाये 

No comments:

Post a Comment