अँधियारा जिससे भाग जाये
जीवन उजियारा हो जाये
ऐसा दे दो राग मुझे तुम
मेरा जीवन रागिनी हो जाये
हो गया था समुद्र नाराज़ जिस नाव से
पा गयी प्यार वह आज एक मझधार से
बुझ गया था जो दिया भोर में ही दीन सा
तुमने आकर उसे आज फिर से जला दिया
अब चाहे कितनी भी आंधी आये
कितना भी समुद्र हो जाये नाराज़
लेकर चलो तुम मुझे वहां
जहाँ कभी न फिर अँधियारा छाए
ऐसा दे दो राग मुझे तुम
मेरा जीवन रागिनी हो जाये
छूटा हुआ छोर मेरी जिंदगी का अब तुम पकड़ा दो
रुके हुए जीवन का मेरे तुम संगीत बजा दो
हाथ थामकर मेरा तुम ले चलो वहां
मानव का मानव से रिश्ता गहरा हो जहाँ
चन्दन हर मिट्टी हो जाये
चन्दन हर बगिया बन जाये
ऐसा दे दो राग मुझे तुम
मेरा जीवन रागिनी बन जाए
जबसे आँगन में मेरे प्यार तुम्हारा उतरा है
मेरे बाग़ की हर कली का रुख निखार गया है
जबसे तुमको पाया है जीवन नया मुझे मिला है
मानो उजड़ा हुआ बाग़ फिर से खिला है
तुम ऐसा बरसा दो रंग मुझ पर
जिसमे जन्म जन्म तक मन भीगा जाये
ऐसे सजा दो सुर मुझमे तुम
की ख्वाब मेरे हकीकत बन जाएँ
ऐसा दे दो राग मुझे तुम
कि मेरा जीवन रागिनी बन जाये