अँधेरी रात में पेड़ो पर जुगनुओ का चमकना
या आसमान में सितारों का टिमटिमाना
भौर में चिड़ियों का चहचहाना
या शाम को झुण्ड बनाकर अपने घरो को उड़ जाना
यह दृश्य बहुत सुन्दर तो है
पर सबसे सुन्दर नहीं
उगते हुए सूरज की लालिमा
या शाम को छिटकी पीताम्बरी छठा
भौर में ओस से सर नवाये दूब के पत्ते
या बारिश की बूंदो से पत्तो का झुक जाना
ये दृश्य बहुत सुन्दर तो है
पर सबसे सुन्दर नहीं
सबसे सुन्दर है वह मुस्कान
जो गहरी उदासी के बाद मिलती है
आशा की वह सुनहरी किरण
जो घने बदलो को बेधकर निकलती है
वह कोमल कपोल पत्ता
जो टूटी टहनी के स्थान पर उगता है
वह हरी भरी शाखा
जो कटे पेड़ कि ठूठ से उगती है
सबसे सुन्दर है प्रेम का वह अंकुर
जो बंजर हुए दिल में उगता है
वह भूली तमन्ना,वह बिसरी आरजू
जो बुझे दिल से फिर उठने लगती है
जो बुझे दिल से फिर उठने लगती है
सबसे सुन्दर है वह रिश्ता
जो हर परिस्थिति में जीने की ताकत देता है
जो हर परिस्थिति में जीने की ताकत देता है
जो कोमल दिल को फिर दिलासा देता है
जो संगीत विहीन मन में फिर संगीत रचा देता है
सबसे सुन्दर होता है वह मुरझा गया चेहरा
जो कोमल अहसास पाकर फिर खिल उठता है
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