कल साथ-साथ जीवन के 2 वर्ष पूरे हुए. और यह समय इतना शानदार रहा कि मैं कह सकती हूं कि यह मेरे अब तक के जीवन का सबसे शानदार समय रहा. पहले मुझे लगता था कि मेरे लिए बेहतर जीवन साथी कोई कम्युनिस्ट ही हो सकता है. लेकिन जीवनसाथी के रूप में मिले इस नोन कम्युनिस्ट साथी ने मेरी इस अवधारणा को बिल्कुल गलत साबित कर दिया. बल्कि कहा जाए कि मुझे उससे बेहतर साथी कोई मिल ही नहीं सकता था. धीरे-धीरे इस साथी को कम्युनिस्ट बनने के संघर्ष में शामिल कराने के लिए मेरा प्रयास जारी है और उसमें कुछ हद तक सफलता भी मिल रही है.और अपने अनुभव से मैं कह सकती हूं कि कम्युनिस्ट होने का ढोंग रचाने वालों से, समाज का एक साधारण व्यक्ति जो कि इंसानी गुणों से लैस है कहीं ज्यादा बेहतर होता है.
असल में जीवन के असली स्वाद का पता तो मुझे इन एकमात्र जेनुइन कम्युनिस्टों के चंगुल से आजाद होने के बाद चला. और जीवन कितना खूबसूरत, कितना आनंदमय, कितना ऊर्जावान हो सकता है इसका पता मुझे इस व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद चला. इन पिछले 2 सालों में जीवन के जितने भी खूबसूरत रंग होते हैं उन सब का स्वाद मैंने चखा.मेरे वीरान जीवन में बहार लाने के तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया साथी. यह प्यार और खुशियां जीवन में हमेशा ऐसे ही बनी रहे. तुम्हारे लिए मैं यही कहना चाहूंगी कि-तुम्हे पाके हमने जहां पा लिया है
जमीं तो जमीं आसमा पा लिया है
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